देखन में छोटन लगे लेकिन घाव करे गंभीर...आज इसी को ज़ेहन में रख कर माइक्रोपोस्ट लिख रहा हूं...आपस में बेहद प्यार करने वाले पति-पत्नी रोमांटिक मूड में बात कर रहे थे...
तभी पति ये देखने के लिए कि पत्नी उससे कितना प्यार करती है, पूछ बैठा...हनी, अगर मैं मर गया तो क्या तुम दोबारा शादी करोगी...
पत्नी...हम्ममममम...शायद हां, हब्बी तुम जानते हो मुझे अकेलेपन से कितना डर लगता है...
पति...क्या तुम उसे मेरी कार भी चलाने दोगी...
पत्नी...वेल, इस बारे में सोचना पड़ेगा...वैसे चलाने ही दूंगी...
पति...क्या तुम उसे मेरी फेवरिट चेयर पर भी बैठने दोगी...
पत्नी...शायद हां...
पति...क्या तुम उसे मेरी गोल्डन घड़ी भी पहनने दोगी..
पत्नी...शायद...
पति...क्या तुम उसे मेरे पसंदीदा सूट भी पहनने दोगी...
पत्नी...नहीं, वो तुमसे कद में छोटा है...(उउउउउउप्पपपपपसससस....)
आपस बेहद करने वाले ?? भाई साहब ज़रा ठीक कर लो अर्थ का अनर्थ होता दिख रहा है !
जवाब देंहटाएंअब ठीक है ..........!!
जवाब देंहटाएंहद हो गयी यार ....................कितना प्यार है एक दुसरे से ..........!!
जवाब देंहटाएंहम तो जलन के मारे ही मरे जा रहे है !! ;-)
बढ़िया पोस्ट ............अब जा कर पूरी पढ़ पाए !
जय हिंद !
अद्भुत प्रेम सुन्दर रचना हे 'पतियों' ऐसे प्रेम से बचना। मजा आ गया।
जवाब देंहटाएंयह चित्र उसी पत्नी का हे ना...कुछ भी हो बोली तो सच ना... इस लिये महान भी हे :)अद्भुत प्रेम
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा....
जवाब देंहटाएंहाँ नहीं तो...!!
सच्चाई पूछा था .. जानकर तिलमिला क्यों गये!!
जवाब देंहटाएंऔर यह स्वीकारोक्ति भी तो प्रेम की निशानी ही तो है
जय हो.
जवाब देंहटाएंहा हा हा
जवाब देंहटाएंआखिर सच्चाई सामने आ ही गयी न।
ये इश्क नहीं आसाँ-देखिए
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
Behtreen Sir G. Bahut khoob!
जवाब देंहटाएंइसे कहते हैं स्पेयर व्यवस्था। पहले से ही चाक-चौबंद। हा हा हा हा।
जवाब देंहटाएंहा हा हा ! अगर सेम तो सेम होता तो ---?
जवाब देंहटाएंतो पोस्ट थोड़ी और लम्बी हो जाती ।
बढ़िया है ।
हा हा हा ...!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब... हा हा हा ...!
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा हा हा हा हा हा हा ........... बहुत सही भैया..... मज़ा गया....
जवाब देंहटाएंजय हिंद
इस टिप्पणी को ब्लॉग के किसी एडमिन ने हटा दिया है.
जवाब देंहटाएंचारित्रिक पतन हो चुके समाज में एक दुसरे के लिए बेहद प्यार में मरने-जीने की वादों-कसमों की मिशाल है ये ...
जवाब देंहटाएंइधर जान जा रही है
जवाब देंहटाएंवे मजा ले रहे हैं
वैसे मरने के बाद
कौन देखने आ रहा है
जो जैसे मजे ले रहा है
लेने दो
जो जैसे जी रहा है
जीने दो
आपको मौका मिलता
तो क्या आप छोड़ देते
उसने सब बतला दिया
पर आप शातिर हैं
ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंक्या कहें...हँस ही देते हैं. :)
जवाब देंहटाएंहा हा हा।
जवाब देंहटाएंtitle padhkar hi maja aa gaya tha ...aur poora padhkar to bas haale-dil na puchiye ..khushdeep ji..khush kar diya :))))))))))))))))
जवाब देंहटाएंबहुत खूब! वाह!! वाह !!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया....
जवाब देंहटाएंएक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं |
जवाब देंहटाएंआपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं |
अंतिम प्रशन न पूछा जाता तो कितना अच्छा होता ।
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